संक्षिप्त इतिहास
क्षेत्र में शैक्षिक प्रसार हेतु शिक्षा प्रेमी एवं स्वतंत्रता सेनानी पंडित दीनानाथ मिश्र जी ने अपनी 6000 वर्ग गज निजी भूमि को क्षेत्र के निर्धन व पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के शैक्षिक व सामाजिक विकास हेतु महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय को दान में दे कर अनूठी मिसाल कायम की |
इस विद्यालय की स्थापना सन 1996 में हुई बाद में सन 1998 में विद्यालय को हाई स्कूल सन 2000 में विद्यालय को विज्ञान वर्ग की मान्यता (उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद) द्वारा दी गई विद्यालय में छात्र-छात्राओं के अध्ययन की उचित वयवस्था है, विषय से संबंधित प्रयोगशाला सभी उपकरणों के साथ उपलब्ध है , छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन हेतु योग्य शिक्षक हैं ,विद्यालय की प्रबंधन समिति में विश्वविद्यालय के योग्य प्रोफेसर है ,जो समय समय पर छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन करते रहते हैं, विद्यार्थी जीवन मानव जीवन का स्वर्ण काल माना जाता है , आज के विद्यार्थी कल के राष्ट्र निर्माता हैं ,इसी उद्देश्य को पूर्ण करने हेतु विद्यालय लगातार उन्नति के पथ पर अग्रसर है |